10 Lines on Ganesh Chaturthi in Hindi । गणेश चतुर्थी पर 10 लाइन निबंध

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भारत का त्यौहारों से बहुत पुराना नाता है। यही एक देश है जहां लगभग हर दिन एक नया त्यौहार मनाया जाता है। इस देश की खास बात यह है कि यहां पर ज्यादातर त्यौहार भगवान को समर्पित करते हुए मनाए जाते है। चाहे होली हो या दिवाली, क्रिसमस हो या ईद यह सारे पर्व भगवान को ध्यान में रखते हुए मनाए जाते हैं। इन सभी त्यौहारों में से एक प्रमुख त्यौहार भी मनाया जाता है और वह है गणेश चतुर्थी।

Ganesh Chaturthi in Hindi 

“गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस तू जल्दी आ” यह शब्द कानों में गूंजते ही गणपति गजानन की मूरत आंखों के सामने उभर आती है। गणेश चतुर्थी संपूर्ण भारतीयों के लिए एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। गणेशोत्सव साल के सितम्बर या फिर अक्तूबर महीने में आता है। हमारे शास्त्रों के अनुसार यह पर्व गजानन का स्मरण करके मनाया जाता है। कहते हैं कि अगर विघ्नहर्ता गजानन आपके घर में ग्यारह दिन विराजते है तो यह निश्चित है कि आपके सारे कष्ट मिट जाते हैं। जैसे दिवाली और होली पर स्कूल और दफ्तर में छुट्टी रखी जाती है ठीक वैसे ही गणेश चतुर्थी पर भी छुट्टी रखी जाती है। लोग जल्दी उठकर नहाते हैं। स्नान आदि के बाद लोग बाजार जाकर गणेश जी की मूर्ति को घर पर लाते हैं। गणपति की मूर्ति या तो प्लास्टर आफ पेरिस की बनी होती है या फिर मूर्ति मिट्टी की बनी होती है। गणेश जी की मूर्ति को घर लाने के बाद उसकी मंदिर में स्थापना की जाती है। स्थापना के बाद मूर्ति की पूजा की जाती है। फिर लगातार ग्यारह दिन तक गणपति बप्पा की आराधना की जाती है। कई लोग इस दिन पर उपवास रखते हैं। इस पर्व पर लोग घर पर मोदक बनाते हैं। यह मोदक ग्यारह दिन तक गणेश जी को प्रसाद के रूप में चढ़ाते हैं। कहते हैं कि मोदक भगवान को बहुत प्रिय होता है। इस दिन को गणेश जी के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है। कहते हैं कि इसी दिन गणपति का जन्म हुआ था। इसके पीछे मान्यता है कि जब एक बार माता पार्वती नहाने के लिए जा रही थी तब उन्होंने गणेश जी को बुलाकर समझाया कि अगर पीछे से कोई यहां आए तो उसको बाहर ही रोके रखना। ऐसे में जब गजानन दरवाज़े पर पहरा देने खड़े हुए तभी वहां शिवजी आए और माता पार्वती का पूछने लगे। गणेश जी ने उन्हें अंदर जाने से रोका तो शिवजी को भंयकर गुस्सा आ गया। गुस्से में उन्होंने गजानन का सिर धड़ से अलग कर दिया। फिर माता पार्वती के अनुरोध करने पर शिवजी ने हाथी के बच्चे का सिर गणेश जी के धड़ पर लगाकर उन्हें नया जीवन प्रदान कर दिया। ऐसी मान्यता है कि उसी दिन गणेश जी को नया जीवन प्रदान हुआ था और तब से लेकर आज तक ठीक इसी दिन गणेश चतुर्थी बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। दस दिन तक गणेश जी का लगातार पूजन किया जाता है। किर ग्यारहवें दिन पर गणेश जी को विदा करना होता है। बहुत से लोग विदाई वाले दिन भावुक हो जाते हैं। लोग गाजे बाजे के साथ गणेश जी की प्रतिमा का नदी, तालाब या समुद्र में विसर्जन कर देते हैं। आज इस लेख में आप “10 Lines on Ganesh Chaturthi in Hindi” पढ़ेंगे।

  10 Lines on Ganesh Chaturthi in Hindi

  1. गणेश चतुर्थी भारत का एक प्रमुख त्यौहार है।
  2. यह पर्व बड़े ही धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जाता है।
  3. यह कृष्ण जन्माष्टमी के ठीक थोड़े ही दिन बाद को मनाया जाता है।
  4. ऐसे तो संपूर्ण भारत में गणेश चतुर्थी मनाई जाती है परंतु महाराष्ट्र में इस दिन पर अलग ही रौनक रहती है।
  5. इस दिन को गणेश जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
  6. मुंबई में फिल्म जगत के सभी कलाकार भी बड़े ही उल्लास के साथ इस पर्व को मनाते हैं।
  7. ऐसी मान्यता है कि जो कोई भी श्रद्धापूर्वक श्री गणेश को पूजता है उसके सारे बिगड़े हुए काम बन जाते हैं।
  8. ज्यादातर बच्चों के सबसे प्रिय ईश्वर भगवान गणेश ही होते हैं।
  9. बच्चे उनको प्यार से गणेशा या गन्नू कहते हैं।
  10. दस दिन तक गणेश जी घर पर विराजमान रहते हैं और उनके भक्त उनकी पूजा करते हैं।

     5 Lines on Ganesh Chaturthi in Hindi 

  1. गणेश जी शिवजी और मां पार्वती के पुत्र हैं।
  2. गणेश जी के पांच भाई और बहन है।
  3. गणेश जी की सवारी मूषक होती है।
  4. भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता के नाम से भी पुकारा जाता है।
  5. मोदक गजानन की सबसे पसंदीदा मिठाइयों में से एक है।

हमें आशा है आप सभी लोगों को Ganesh Chaturthi in Hindi पर लिखा यह छोटा सा लेख पसंद आया होगा । आप इस लेख को 10 Lines about Ganesh Chaturthi in Hindi के रूप में भी प्रयोग कर सकते हैं।

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FAQ on Ganesh Chaturthi in Hindi 

Question. हम गणेश चतुर्थी क्यों मनाते हैं?
Ans. जीवन में हमें निरंतर सुख और समृद्धि चाहिए। भगवान श्री गणेश को सुख – समृद्धि का देवता माना जाता है। कहते हैं कि जो कोई भी गणेश जी की सच्चे मन से पूजा करता है उसके सारे कष्ट दूर होते है और वह यश और कीर्ति प्राप्त करता है।

Question. गणेश चतुर्थी को कब से मनाया जा रहा है?
Ans. इस त्यौहार की शुरुआत कब से हुई इसका अच्छी तरह से प्रमाण अभी तक नहीं मिल पाया है। वैसे पौराणिक कथाओं के अनुसार इसकी शुरुआत गणेश जी को शिवजी द्वारा नया जीवन मिलने पर हुई थी। कई लोगों का यह मानना है कि मराठों के शासक वीर शिवाजी ने गणेशोत्सव को मनाने की शुरुआत की थी। परंतु सही मायने में इसकी शुरुआत बाल गंगाधर लोकमान्य तिलक ने सन् 1893 में की थी।

Question. इस पर्व को भारत के किन राज्यों में मनाया जाता है।
Ans. वैसे तो गणेश चतुर्थी को पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है परंतु कई राज्य है जिसमें यह पर्व मुख्य तौर पर मनाया जाता है। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक और गुजरात में इस त्यौहार पर अलग ही रौनक देखने को मिलती है।

Question. गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा देखने को क्यों मना करते हैं?
Ans. हमारी पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन को कलंक चौथ भी कहते हैं। कहते हैं कि एक बार गणेश जी कहीं जा रहे थे तभी उनके मुषक को रास्ते में सांप दिख गया और वह जोर से उछला जिसके कारण गणेश जी जमीन पर गिर पड़े। यह नजारा देखकर चंद्रमा को हंसी आ गई। गणेश जी को अपमानित महसूस हुआ। इसपर उन्होंने चंद्र देव को श्राप दे दिया। उस दिन से चंद्रमा पर कलंक लग गया। इसलिए जो कोई भी इस दिन चंद्रमा को देखता है उस पर कलंक लग जाता है।

Question. भगवान गणेश के अन्य नाम क्या हैं?
Ans. वैसे तो गणेश जी के 108 नाम है किंतु उनके 12 नाम बहुत लोकप्रिय है। जैसे – एकदंत, लंबोदर, कपिल, भालचंद्र, गजानन, विनायक, सुमुख, विकट, धूम्रकेतु, गजकर्णक, गणाध्यक्ष और विघ्न – नाश।