गणतंत्र दिवस पर निबंध। republic day essay in hindi

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गणतंत्र दिवस जिसे हम सभी अंग्रेजी भाषा में Republic Day बोलते है, भारतीय सविधान के लागु होने की ख़ुशी में मनाया जाता है। आज आप इस पोस्ट में republic day essay in hindi पढ़ेंगे। 26 जनवरी पर स्कूल और कॉलेज गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में बहुत से कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं होती है जिसमे गणतंत्र दिवस के बारे में जरूर पुछा जाता है। इस हिंदी निबंध को आप essay on republic day in hindi for class 1, 2, 3 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 तक के लिए थोड़े से संशोधन के साथ प्रयोग कर सकते है।

स्वतंत्र भारत अपने नियम, कानून, कायदे और संवैधानिक अधिकारों के बारे में 26 जनवरी 1950 से जनता हैं। रिपब्लिक डे वो पर्व है जिससे लोग अपने अधिकारों और अपने संविधान से परिचित हुए थे। भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। इसके पहले 1935 का भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) चला आ रहा था। परंतु उसमे लोगो के अधिकारों का विशेष उल्लेख या यूं कहें कि शून्य के बराबर उल्लेख था। इसीलिए 1930 का अंग्रेज़ी शासन से चला आ रहा भारत सरकार अधिनियम हटाया गया। उसके स्थान पर गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ। सभी देश का अपना अपना संविधान है। हमसे 200 साल पुराना अमेरिका का संविधान है। 

प्रस्तावना- कहा जाता है कि भारत का संविधान दुनिया का सबसे बेहतरीन संविधान है। जिसमे लोगो को अपने संवैधानिक अधिकार प्राप्त हुए है।सभी देश का संविधान पहले ही बन चुका था। हर देश का संविधान देखते हुए हमने हमारे देश का बेहतरीन संविधान बनाया। हमने काफी समय तक हर देश के संविधान देखे। इसके बाद भारत के हर वर्ग को, हर जाति को, हर सम्प्रदाय को, हर व्यक्ति विशेष को ध्यान में रख कर अपना संविधान विकसित किया।हमारे देश का संविधान सबसे नया व सबसे प्रभावशाली संविधान है। जो लोगो के अधिकारों, शासन के तरीके, हर तरफ की गतिविधियों की जानकारी देता है। काफी लोगो को लगता है कि संविधान में हमारे अधिकारों के साथ साथ किसी जुर्म करने वाले के लिए सजा भी लिखी गयी है।जबकि असल मे ये आईपीसी, सीपीसी, सीआरपीसी की अलग अलग धाराएं है। इन धाराओं के तहत गुनाहगार की सजाये तय की जाती है।संविधान निर्माण के लिए 22 समितियां बनाई गई थी। जिसमे से सबसे प्रमुख प्रारूप समिति थी। जिसके अध्यक्ष डॉ0 भीमराव अंबेडकर थे। डॉ० भीमराव अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे।

रिपब्लिक डे मनाने के तरीके-    रिपब्लिक डे अर्थात गणतन्त्र दिवस। रिपब्लिक डे के दिन पूरे भारत मे अवकाश होता है। हर राज्य में यह राष्ट्र पर्व धूम धाम से मनाया जाता है। हर विद्यालयों व हर विश्विद्यालयों में ये पर्व रोचक प्रकार से मनाया जाता है।इस दिन विद्यालयों में संस्कृति कार्यक्रम होते है। जिसमे देशभक्ति के गानों पर नृत्य, देशभक्ति पर भाषण, व देश के लिए कविता पाठ होता है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के दिग्गज आईपीएस, आईएअस अफसरों को आमंत्रित किया जाता है। राष्ट्रीय गीत व राष्ट्रगान गाया जाता है। आज के दिन हमारे वीरो को सभी सलामी देते है। उनके प्रति प्रेम, आदर व गर्व की भावना प्रकट होती है। हमारे देश मे गणतंत्र दिवस ही नही मन रहा होता अगर हमारा देश ही आज़ाद नही हुआ होता। हमारे देश के लिए अपने जीवन का बलिदान देने वाले वीरों को आज के दिन याद किया जाता है। 2 मिनट का पूरे देश मे हर जगह अलग अलग समय पर मोन धारण किया जाता हैं। इस प्रकार हमारे वीरो को श्रद्धांजलि दी जाती है। इस दिन रिटायर्ड लोग अपने-अपने दफ्तरों में जाकर झंडा वंदन में सम्मलित होते है। 

आज के दिन राष्ट्रपति उनके भवन में झंडा वंदन करते है। राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रपति भवन में झंडा फहराया जाता है। एनसीसी के कैडेट्स, विद्यालय के बच्चे, विश्वविधालय के बच्चे आज के दिन परेड में भाग लेते है। बड़ी संख्या में परेड होती है। आज के दिन अलग अलग देश के राष्ट्रपति हमारे देश मे मुख्य अतिथि के रूप में आते है। आज के दिन सभी के दिलों में बेशुमार देश प्रेम व अपने संविधान पर गर्व होता है। जिसमे हर शख्स के अधिकारों की बात है। थलसेना, वायुसेना, नौसेना आज के दिन सभी परेड का हिस्सा बनते है। सभी जगह राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। आकाश में भी वायुसेना की मदद से विभिन्न विमानों से तिरंगे के रंगों का हमे  सुनहरा दृश्य देखने को मिलता है। भारत का विशेष झुकाव आज के दिन हमारी राष्ट्रीय फिल्मो व गीतों में होता है। 

संविधान बनने की झलक-  भारत का संविधान प्रेम बिहारी नारायण जी द्वारा उनके हाथों से इटैलिक लेख में लिखा गया। यह सबसे पहले धहराधुन में प्रकाशित हुआ। इसके बाद सर्वे ऑफ इंडिया में। हमारे संविधान में 395 आर्टिकल, 22 पार्ट, 8 शेड्यूल थे। जिसे बढ़ा कर 448 आर्टिकल, 25 पार्ट व 12 शेड्यूल कर दिए गए। जिस वक्त हमारे देश में संविधान बन रहा था तब 2000 बार उसमे बदलाव किए गए। हमारा संविधान अंग्रेज़ी व हिंदी दोनो भाषाओं में लिखा गया है। जिसमे अंग्रेज़ी के 1लाख 17 हज़ार 369 शब्द है। संविधान बनाने के लिए 9 दिसंबर 1946 में पहली बैठक की गई। 26 नवंबर 1949 में हमारा संविधान बनकर तैयार हो गया था। परंतु हमने उसे 26 जनवरी 1950  को जारी किया। हमारे देश का सपना था कि वह 26 जनवरी को आज़ाद हो। 1930 से लेकर 1950 तक देश ने 26 जनवरी को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाया। 1930 में आज़ादी का दृढ़ निश्चय किया गया और तबसे हर वर्ष  26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप मनाते रहे। बाद में जब 15 अगस्त को हमारा देश स्वतंत्र हुआ वो तारीख को हमने तहे दिल से स्वीकार किया। लेकिन जब हमारा संविधान बना तब हमारे पूर्वज चाहते थे कि हम 26 जनवरी को कभी न भूले क्योंकि 20 साल तक देश ने उसी तारीख को अपना स्वतंत्रता दिवस माना। इसीलिए हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 में बनने के बाद भी 26 जनवरी 1950 में जारी किया गया। हम 26 नवंबर को सांवेधानिक दिवस के रूप में मनाते है पर 26 जनवरी को ही खास दिन माना जाता है। 26 जनवरी को हमारा संविधान एक्ट में आया। उसे जारी किया गया। तब से हर वर्ष हम 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते है। 

संविधान का महत्च व उपयोग-  भारत का संविधान 2 साल 11 महीने व 18 दिन बाद बनकर तैयार था। हमारे संविधान में कैसे सरकार काम करेगी , उनके क्या मूल उद्देश्य होंगे, कैसे सबके अधिकारों का ध्यान रखा जाएगा ये सब बताया गया है।हमारे संविधान में लिखा गया है कि हम खुद अपने देश के लोगो ने ही अपना संविधान लिखा है, किसी अन्य ने नही। हमारे देश के संविधान में जो कुछ भी लिखा गया है उसे लिखने का मूल उद्देश्य संविधान की प्रस्तावना में लिखा गया है। आज भी सुप्रीम कोर्ट के जज किसी केस को लेकर कोई दुविधा में होते है , वे एक बार संविधान की प्रस्तावना को खोल कर देखते है। इसके बाद उन्हें अपना फैसला लेने में आसानी होती है। हमारे संविधान का महत्व व उपयोग करने का तरीका हम संविधान की प्रस्तावना से सीखते है। जिसे अंग्रेज़ी में प्रीएम्बल कहते है। हमारी सरकार को, जज को किन- किन बातों का ध्यान रखना है वह सब संविधान कि प्रस्तावना में है।

संविधान का उपयोग सरकार चलाने में किया जाता है। सरकार को आमजन के मूल अधिकारों का ध्यान रखना पड़ता है। इंसाफ, एकता, भाईचारा, पंथनिरपेक्षता और विशेष रूप से लोकतंत्र का ध्यान रखना पड़ता है। हमारे देश की जनता अपना नेता स्वयं वोट देकर चुनती है। ये भी हमारे संविधान का हिस्सा है। जब जज कोई फैसला सुनाते है तब वह भी संविधान का पूर्ण चिंतन करते है। हमारे देश मे किसी के अधिकारों का खनन न ही इसका ध्यान रखा जाता है। हमारा संविधान दुनिया का सबसे बेहतरीन संविधान है। ये सिर्फ कहने को नही है। कई जगहों पर लोगो को बोलने का हक नही होता, लोगो को सरकार द्वारा दबाया जाता है। पर हमारे देश मे कुरीतियो का सर्वनाश 1947 में आज़ादी के साथ हो गया था।  

उपसंहार- साल के हर एक दिन में से  सबसे पसंदीदा दिन होता है रिपब्लिक डे। इस दिन हमने हमारे होने का एहसास किया। ये वो संविधान है जिसने बुज़ुर्गों को उनका घर व बच्चों को शिक्षा दिलाई। ये वो संविधान है जिसने सभी लोग को एक समान भोजन कराया। ये वो संविधान है जिसने अमीर गरीब दोनो को समान अधिकार दिया। यह वो संविधान है जिसने अमीर गरीब का भेद खत्म कर एकता का पाठ पढ़ाया। कहने का तात्पर्य सिर्फ इतना है कि इस संविधान ने हमारे देश को एक किया, हमे हमारे जीवन के अधिकार मुहैया कराए। हमे गर्व है हमारे अधिकारों पर जो शायद हर देश मे समान नही होते । हमे गर्व है हमारे वीरो पर जिन्होंने हमारे देश को यहां तक पहुचाया। 

देश के लोग हमेशा संविधान के ऋणी रहेंगे जिसने हमे हमारे अधिकारों का परिचय करवाया एवं आज तक हमारा साथ निभाया। 

हमारा संविधान हमारी पहचान है, हमारी आन, मान और हमारी शान है।…

 गणतन्त्र दिवस की कोटि कोटि शुभकामनाएं…! 

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