स्वतंत्रता दिवस पर निबंध। independence day essay in hindi

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1947 को भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई जिसे पूरा भारत वर्ष स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाता है । आज आप इस पोस्ट में independence day essay in hindi पढ़ेंगे। स्वतंत्रता दिवस पर निबंध स्कूल और कॉलेज में जरूर पुछा जाता है। इस हिंदी निबंध को आप essay on independence day in hindi for class 1, 2, 3 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 तक के लिए थोड़े से संशोधन के साथ प्रयोग कर सकते है।

आज़ाद हुआ भारत ये बात सबने जानी थी, भूमि को वीरों ने लहू से सींचा, कुछ ऐसी आयुष्मान भारत की कहानी थी,

लंबी लड़ाई के बाद ब्रिटिश सरकार हारी थी, आज़ादी उन्होंने हमे दी नही, हमे लड़ कर जो उसे पानी  थी। 

दिनांक 15 अगस्त वर्ष 1947 को हमारा भारत देश ब्रिटिश शासन से आज़ाद हुआ। यही वजह है कि हर वर्ष 15 अगस्त को हम भारत की आज़ादी का जश्न धूम धाम से मनाते है। इस दिन की महत्वपूर्णता भारत का हर जन जनता है। 15 अगस्त को हर वर्ष इंडिपेनडेंस डे के रूप में मनाते है। भारत की आज़ादी की कहानियां दिल को रुला देने वाली है। हमारा देश न जाने कितने संघर्षो के बाद आज़ाद हुआ। 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस को लोगो मे जोश होता है, उत्साह में होता है। एक ऐसा भाव सभी मे होता है जो शायद शब्दों में कभी बयां नही किया जा सकता। लोग इस दिन शहीदों को याद कर उन्हें सलाम करते है। दूसरी तरफ आज़ादी की खुशी में एक दूसरे को मिठाइयां बांटते है। 

प्रस्तावना- आज के दिन लोगो मे देश प्रेम उमड़ कर आता है।हर वर्ष ऐसा प्रतीत होता है कि मानो आज ही हमे आज़ादी मिली हो। हमारे देश के जवानों को उनके बलिदान को हर वर्ष सराहा जाता है। आज के दिन से हर भारतीय अपने देश के प्रति कुछ कर जाने की भावना से परिपूर्ण होता है। देश के जवानों को देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिलती है। हर देश की अपनी पहचान होती है। वैसे ही भारत देश की पहचान पूरे विश्व मे अपनी आजादी की लड़ाई को लेकर है। किस प्रकार से भारत ने एकता से और दृढ़ निश्चय से देश को आज़ादी दिलाई। भारत के इतिहास को बदलने वाला दिन है स्वतंत्रता दिवस। सभी धर्म, सभी जाति, सभी साम्प्रदाय एक होते है उस दिन। कोई हिन्दू नही कोई मुसलमान नही। कोई सिक्ख नही कोई ईसाई नही। जो भी होते है सब भारतीय होते है। सब मे एक समान भाव होता है राष्ट्रप्रेम का भाव। 

आज के दिन लोग इस देश का अभिन्न अंग होने का गर्व करते है। हिंदुस्तान की भूमि की हिफाजत हमारे वीरो के हाथ मे है। जो सेना हमेशा सीमा पर तैनात रहती है उसका तहे दिल से आभार प्रकट करते है। 

इंडिपेंडेंस डे मनाने के तरीके- भारत मे हर व्यक्ति आज के दिन की खासियत को समझता है। ये एक ऐसा त्योहार है जो भारत का हर व्यक्ति मनाता है। इस त्योहार को हर जागह मनाया जाता है।इस दिन हर दफ्तर, हर संस्थान, हर छोटे बड़े उद्योग सभी जगह तिरंगा फहराया जाता है। छोटी दुकानों पर, वाहनों पर, लोगो की पौशाख पर आज के दिन हर जगह  डिज़ाइनर तिरंगा नज़र आता है। लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते है। 21 तोपों से सलामी दी जाती जी। इसके बाद प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करते है। आज के दिन विशेष रूप से हमारे देश ले लिए शहीद होने वाले वीरों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है।आज के दिन परेड की विशेष मान्यता है। बड़ी संख्या में परेड होती है। जिसे देखने लोग घरों के बाहरआते है और आकर गर्व से  सलामी देते है। इस दिन हर जगह देशभक्ति के गाने चलते है। लोग देशभक्ति की फिल्में देखते है। 

हर जगह पर सांस्कृतिक कार्यक्रमो का आयोजन होता है। देशभक्ति के गानों पर नृत्य होता है। स्वतंत्रता की खुशी में लोग एक दूसरे को मिठाइयां बांटते है। आज सब भारत वासी तिरंगे के रंग से मिलते झूलते डिज़ाइनर कपड़े पहनते है। राष्ट्र के लिए काम करने वालो को आज के दिन पुरस्कृत किया जाता है। विशाल कार्यक्रम होते है। जगह जगह गुब्बारों से सजावट की जाती है। विशाल कार्यक्रम के अंत मे राष्ट्रगान गाया जाता है। जो लोगो मे ऊर्जा, प्रेम, विश्वास, देशभक्ति का संचार करता है। लोग घर बैठे न्यूज़ चैनल के माध्यम से लाल किले पर तिरंगा फहराने का समारोह और प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संबोधन देखते हैं।इस खुशी के विषय पर सब एक दूसरे को हैप्पी इंडिपेंडेंस डे बोलते है।

इतिहास- भारत की स्वतंत्रता का इतिहस वीरो की कुर्बानी, गांधीजी की सादगी, नेहरू जी का निश्चय, आम जन का संघर्ष याद दिलाता हैं।भारत को पहले ब्रिटिश शासन ने गुलाम समझा हुआ था। ब्रिटिश हुकूमत सालो से चली आ रही थी।हमारे देश को आज़ादी देने का उनका कोई विचार नही था। हमने संघर्ष करके आज़ादी पायी है।आज़ादी की लड़ाई लंबे वक्त तक चली। लोगो का संघर्ष सराहनीय था।ये लड़ाई की शुरुवात गांधी जी ने की। जब आमजन पर अत्याचार बढ़ने लगे। लोगो को उनका हक नही मिला। अत्यधिक कर वसूला गया। ब्रिटिशर्स की मनमानी होती रही।ऐसे में गांधी जी ने लोगो के मन को समझा और अपने हक की लड़ाई शुरू की। ये लड़ाई अपने हक़ से कब राष्ट्र की आज़ादी पर आगयी ये जानना कठिन नही होगा। 1919 में रॉलेट एक्ट आया जिसका तहत किसी भी भारतीय पर बिना मुकदमा चलाये गिरफ्तार करके का प्रावधान था। रॉलेट एक्ट गांधीजी और आम जन के पहले से हो रहे अनगिनत आंदोलनों की वजह से आया। गांधी जी ने लोगो को शांतिपूर्ण अहिंसक आंदोलन करने को कहा। लोगो ने पश्चिमि वस्त्र व सामान त्यागें और खादी अपनायी।इस वक़्त गांधीजी और नेहरू जी की मुलाकात हुई थी। नेहरू जी ने भी गांधीजी जी का पूर्णतः समर्थन किया।जवाहरलाल नेहरू महात्मा गांधी से बेहद प्रभावित थे। वे उन्हें अपना आदर्श मानने लगे थे।नेहरू जी जानते थे कि गांधीजी ने दृढ़ निश्चय किया है कुरीतियो का सामना कर देश को दास्तान की जंजीरों से मुक्त करने का। गांधीजी और नेहरूजी दोनो ने  अटूट प्रयास किये आज़ादी दिलाने में। 1922 में जब चौरी-चौरा कांड हुआ तब आमजन ने आक्रोश में कई पुलिस वालों को जिंदा जला दिया।गांधीजी अहिंसा के पुजारी थे। हिंसा को देख उन्होंने ये आंदोलन वापिस ले लिया। उनको इसके कारण जेल भी जाना पड़ा।इसके बाद गांधीजी ने 1930 मे नमक पर टैक्स लगने का विरोध किया। उन्होंने अहमदाबाद से दांडी तक 400 किलोमीटर की यात्रा की और नियम तोड़ते हुए खुद जाकर नमक बनाया।इस आंदोलन को अपार जन समर्थन मिला। अन्य देश की मीडिया भी इससे प्रभावित हुई। उन्होंने इस मुद्दे को प्रमुखता से उछाला।इसके बाद वर्ष 1942 से 1947 तक भारत छोड़ो आंदोलन चला 

भारत छोड़ो आंदोलन- जर्मनी व अमेरिकी सेना भारत आ गयी। ये गांधी जी को ज़रा भी रास नही आया। कुछ और देश उस वक़्त आज़ाद होने वाले थे। उस सूची में भारत का नामोनिशान नही था। गांधी जी समझ गए थे कि ये लोग हमें हमेशा के लिए गुलाम बना कर रखना चाहते है। और गांधीजी को उनका रास्ता साफ नजर आ रहा था। वो ये बात जान गए थे कि हमारे देश को आज़ाद हमें ही कराना होगा।ये हमे आज़ादी नही देंगे। जैसे ही गांधीजी के मन मे ये बात आई उन्होंने पूरे भारत मे अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुवात की। इस आंदोलन का हिस्सा हर छोटे गांव व हर बड़े शहर के सदस्य बने आम जब में आक्रोश पैदा हो गया था। गांधीजी को इसके तहत 2 साल जेल भी जाना पड़ा। पर गांधी जी के विचारों की क्रांति ने उस आंदोलन को व लोगो के हृदय चिंगारी को बुझने नही दिया। इस आंदोलन में हज़ारों की संख्या में लोग मारे गए। और कई गिरफ्तार भी हुए। गांधी जी ने लोगो को ‘करो या मरो’ का नारा दिया।इसके बाद भारतवासी ब्रिटिश सरकार पर भारी बड़े। अंग्रेजों ने आज़ादी दी लेकिन धर्म के आधार पर दो अलग देश बने। हिंदुस्तान और पाकिस्तान। उस वक्त लाखों लोगों ने पलायन किया। लाखो की संख्या में पाकिस्तान के हिन्दू भारत आये और भारत से अधिकतर मुस्लिम पकिस्तान गए। अंततः 15 अगस्त 1947 को भारत देश आजाद हुआ। आज़ाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू बने। जिन्होंने देश को आधुनिक जीवन की नई राह दिखाई। जवानों को काम के लिए एवं शिक्षा के लिए प्रेरित किया। 

उपसंहार: भारत देश के लिए आज का दिन गर्व का दिन होता हैं। क्यूंकि हमारे पूर्वजों ने, हमारे सैनिकों ने देश को आज़ादी दिलाई थी। आज के दिन किसी के मन मे कोई छल-कपट, भेद-भाव नही होता। निर्मल रूप होता है। हमारे सैनिकों के प्रति इज्जत, सम्मान बढ़ता है जो आज हमारे चैन की नींद के लिए सीमा पर तैनात है। सभी उनकी सराहना करते है।वे अपने परिवार से दूर रहकर हमारी रक्षा करते हैं। ऐसे वीरों को कोटि कोटि सलाम। इंडिपेंडेंस डे पर सभी की खुशी असीम होती है, वे राष्ट्र के नाम अपनी आन, मान, शान व जान सभी न्योछावर करने में लिए तैयार होते है।

आज के दिन विशेष रूप से भारत माता की जय के नारे लगाए जाते है। 

हमारी भारत भूमि महान थी, महान है, महान रहेगी, 

“भारत माता की जय”…!

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