10 Lines on Army Medical Corps Establishment Day in Hindi

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आज हम ’10 Lines on Army Medical Corps Establishment Day in Hindi’ लेकर आपके समक्ष आये है, इस आर्टिकल में आप “सेना चिकित्सा कोर स्थापना दिवस पर 10 लाइन्स निबंध” हिंदी में पढ़ेंगे।

Army Medical Corps Establishment Day in Hindi

प्रस्तावना

 किसी भी देश की सेना देश की सबसे बड़ी शक्ति होती है। जिस देश की सेना जितनी बड़ी और सशक्त होती है, उस देश की जनता भी उतनी ही सुरक्षित रहती हैं। देश को दुश्मनों से बचाने तथा देशवासियों को सही सलामत रखने की जिम्मेदारी देश की सेना की होती है, जो बारह  महीने तथा चौबीसों घंटे देश की सेवा में जुटी रहती है । इन सैनिकों के घायल होने चोट लगने में सहायता करती है ‘आर्मी मेडिकल कॉर्प्स’ जो सही वक्त पर इन सैनिकों का इलाज कर इन्हें ठीक करती है। इसीलिए यहां इनका योगदान भी बहुत अधिक मायने रखता है। युद्ध के सैनिक युद्ध भूमि में घायल होते हैं, तब सेना के चिकित्सक उन्हें नया और स्वस्थ जीवन देते हैं और युद्ध भूमि में लड़ने के लिए दोबारा उन्हें तैयार करते हैं, क्योंकि केवल स्वस्थ और चुस्त-दुरुस्त सिपाही ही जमीन, आकाश या समुद्र में दुश्मनों से लोहा ले सकता है।

 आर्मी मेडिकल डे का महत्व

आर्मी मेडिकल के लोग ही युद्ध के सैनिकों को सही सलामत रखने के लिए जिम्मेदारी रखती है। लोगों में आर्मी मेडिकल के महत्व को उजागर करने के लिए प्रतिवर्ष 4 अप्रैल को आर्मी मेडिकल डे मनाया जाता है,जहां विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। 2022 का आर्मी मेडिकल इस्टैब्लिशमेंट डे जयपुर में मनाया गया था।

सेना चिकित्सा कोर की शुरुआत कैसे हुई?

 ईस्ट इंडिया कंपनी जब भारत में थी तब 1745 में उसने अपने सैनिकों के लिए मिलिट्री सर्जनों को नौकरी पर रखना शुरू किया। भारत में चिकित्सा सेवाओं की शुरुआत 1 जनवरी 1764 में हुई और बंगाल में चिकित्सा सेवा की स्थापना की गई। इसके बाद मद्रास और बम्बई चिकित्सा सेवाएं और 1767 और 1779 में शुरू हुई। वे सभी बंगाल, मद्रास, मुंबई की तीन प्रेसीडेंसी सेनाओं  को चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराते थे। संयोग की बात है कि कोलकाता में 18वीं शताब्दी में अनेक ऐतिहासिक स्मारकों में एक प्रमुख भवन भी है जिसका 1757 में फोर्ट विलियम के लिए लॉर्ड क्लाइव ने 1 सैनिक जनरल अस्पताल के रूप में डिजाइन तथा नियोजन किया था। कोलकाता में स्थित इस दो मंजिला ऐतिहासिक इमारत को 1870 में 60 बिस्तर वाले अस्पताल में तब्दील कर दिया गया। इस अस्पताल की आधारशिला स्वर्गीय फील्ड मार्शल मानेक्शा द्वारा पूर्व आर्मी कमांडर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान रखा गया था । यह प्राचीन पैतृक भवन सेना के बंगाल क्षेत्र का मुख्यालय है ।

 स्वतंत्रता के बाद इंडियन आर्मी मेडिकल कोर का नाम बदलकर आर्मी मेडिकल को रखा गया । इंडियन मेडिकल कोर को 26 जनवरी 1950 में सेना चिकित्सा कोर के रूप में पुनर्गठित किया गया ।सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के अधीन देश भर में 127 अस्पताल और 87 फील्ड मेडिकल यूनिट काम करते हैं ।आर्मी मेडिकल सेवारत सैनिकों भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवार को रोगों की रोकथाम इलाज और पुनर्वास की चिकित्सा उपलब्ध कराता है। सेना चिकित्सा कोर ‘सर्वे संतु निरामय’ के आदर्श वाक्य पर काम करती है।चिकित्सा कोर के चिकित्सक, परिचारिका और पैरामेडिकल स्टाफ सशस्त्र सेनाओं में तैनात है। यह इंटरसर्विस संगठन है जिसमें तकरीबन 13,200 चिकित्सक, परिचारिका, पैरामेडिकल अधिकारी और करीब एक लाख से ज़्यादा सर्विस स्टाफ देश भर में कार्यरत हैं। प्रथम विश्वयुद्ध तक भारतीय चिकित्सा सेवा का स्वरूप सिविल था 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध शुरू होने के बाद 3 अप्रैल 1943 को इसे भारतीय सेना चिकित्सा कोर नाम दिया गया। 3 अप्रैल 1943 को इंडियन आर्मी मेडिकल कोर को तीन सेवाओं इंडियन मेडिकल सर्विस, इंडियन मेडिकल डिपार्टमेंट और इंडियन हॉस्पिटल बनाया गया।

आई एम एस के उल्लेखनीय नामों में एक नाम रोनाल्ड रॉस है, जिन्होंने मलेरिया से पीड़ित और जवानों की देखभाल में अभूतपूर्व योगदान दिया। जिसके लिए उन्हें  1902 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया। पहले भारतीय के तौर पर एस सी जी चक्रवर्ती का नाम उल्लेखनीय है,जिन्होंने 24 जनवरी 1855 को आर्मी चिकित्सा में प्रवेश किया।

सेना के डॉक्टरों, नर्सो और अर्धसैनिक चिकित्सकों ने युद्ध भूमि में और अन्य स्थानों पर असंख्य सैनिकों और परिवारों को जीवनदान दिया है। रोजमर्रा के जीवन में महत्वपूर्ण योगदान के कारण वे किसी बहादुर जवान के समान ही वीर हैं।  बहादुरी के मामले में भी आई एम एस में भी पुरस्कार वितरित किए जाते है।  इस क्षेत्र में अब तक 1 अशोक चक्र, 3 महावीर चक्र, 3 कीर्ति चक्र 1 वॉर टू वीर चक्र, 5 शौर्य चक्र, 5 उत्तम युद्ध सेवा मेडल, 3 पद्मभूषण और 4 पद्मश्री शामिल है । स्थापना दिवस के मौके पर सैनिक अस्पताल की ओर से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

 पिछले वर्ष 3 अप्रैल 2022 को भारतीय सेना ने आर्मी मेडिकल कोर का 258 वां स्थापना दिवस मनाया ।कोर का आदर्श है ‘सर्वे संतु निरामय’ अर्थात सभी को बीमारी और विकलांगता से मुक्त कराना। इसने रक्षा बलों को शांति काल और युद्ध के दौरान स्वास्थ्य की चिकित्सा विदेशी मिशनो में संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक बलों को चिकित्सा सेवाएं और नागरिक अधिकारियों को आपदा प्रबंधन के दौरान प्रदान करने में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।  पिछले 2 वर्षों से कोविड के खिलाफ लड़ाई में सबसे प्रथम तथा इसने देश की उत्कृष्ट और निस्वार्थ भाव से सेवा की है । इस अवसर पर वाइस एडमिरल रजत दत्ता सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं के महानिदेशक और लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह चिकित्सा सेवा महानिदेशक सेना के नौसेना और वायु चिकित्सा सेवाओं के महानिदेशको के साथ में पुष्पांजलि अर्पित की। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक ड्यूटी के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले चिकित्सा कर्मियों को श्रद्धांजलि दी। 

10 Lines on Army Medical Corps Establishment Day in Hindi

  1. एक युद्ध के दौरान सैनिक अगर घायल हो जाए तो कोर की टीम सदैव तत्पर रहती है ।
  2. स्वतंत्रता पश्चात इस संस्थान ने काफी उन्नति की है।
  3. आर्मी मेडिकल कोर दिन रात मेहनत करती है ।
  4. आर्मी मेडिकल कोर अलग-अलग शहरों में भी स्थित है ।
  5. 3 अप्रैल 2022 को आर्मी मेडिकल कोर की स्थापना दिवस के उपलक्ष्य पर सैनिकों को सम्मान देने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था।  6)इस दिन सेना चिकित्सा कोर का  258 वां स्थापना दिवस मनाया गया ।
  6. इसे जयपुर राजस्थान में मनाया गया ।
  7. आजादी के बाद आई एम सी का नाम बदलकर आर्मी मेडिकल कॉर्प्स दिया गया।
  8. आर्मी मेडिकल कॉर्प्स ‘सर्वे संतु निरामय’ के सिद्धांत  पर चलता है।
  9. हमें अपने आर्मी मेडिकल कॉर्प्स पर गर्व है।

5 Lines on Army Medical Corps Establishment Day in Hindi

  1. किसी भी देश की आर्मी उस देश के लिए सबसे बड़ी आधारशिला होती है।
  2. हमारे देश में आर्मी मेडिकल कोर बनाई गई है, जिसका गठन 1943में की गई ।
  3. मेडिकल कोर सैनिकों को बचाने घायल सैनिकों को ठीक करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देती है ।
  4. कोर निर्माण सैनिकों के सेवा प्रदान करने के लिए किया गया ।
  5. कोर्ट द्वारा जम्मू कश्मीर में ज्यादा हमले होने की वजह से मेडिकल केयर सेवा ज्यादा मात्रा में उपलब्ध रहती है ।

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FAQ on Army Medical Corps Establishment Day in Hindi

1) आर्मी मेडिकल कोर की स्थापना कब हुई ?

उत्तर- आर्मी मेडिकल कोर की स्थापना 1 जनवरी 1764 को बंगाल मेडिकल सर्विस के रूप में हुई ।

2) भारत में आर्मी डॉक्टर को क्या कहा जाता है ?

उत्तर- भारत में आर्मी डॉक्टर को रेजिमेंटल मेडिकल ऑफिसर कहा जाता है ।

3) कोर का निर्माण क्यों हुआ?

उत्तर -कोर का निर्माण हुआ, ताकि सैनिकों,पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सके।

4) आर्मी मेडिकल को कितने पुरस्कार मिले हैं ?

उत्तर -इसमे 1 अशोक चक्र, 3 महावीर चक्र, 3 कीर्ति चक्र 1 वॉर टू वीर चक्र, 5 शौर्य चक्र, 5 उत्तम युद्ध सेवा मेडल, 3 पद्मभूषण और 4 पद्मश्री शामिल है ।

5) स्थापना दिवस कैसे मनाया जाता है ?

उत्तर-स्थापना दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है तथा अच्छे काम के लिए सैनिकों को पुरस्कृत भी किया जाता है।