10 Lines on Pongal in Hindi । पोंगल त्यौहार पर 10 लाइन

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आज हम “पोंगल पर 10 लाइन्स निबंध” लेकर आपके समक्ष आये है, इस आर्टिकल में आप ’10 Lines on Pongal in Hindi’ में पढ़ेंगे।

Pongal in Hindi

 जनवरी 14 से 17 तक पोंगल दक्षिण भारत में मनाया जाता है। यह एक चार दिवसीय उत्सव है, जो कि पूरी तरह से किसानों को समर्पित होता है। इस दिन पुरानी फसलों को काटा जाता है तथा भगवान सूर्य को भोग लगाया जाता है। भगवान सूर्य को चढ़ाए गए भोग को पोंगल कहा जाता है। तमिलनाडु में पोंगल का पर्व फसलों की कटाई से शुरू होता है तथा अंतिम दिन सभी लोगों के साथ बैठकर खाना खाने से खत्म होता है। पोंगल के इस चार दिनों का अलग अलग महत्व होता है।

 पोंगल का इतिहास 

पोंगल तमिलनाडु का एक प्राचीन त्योहार है। इस दिन लोग पकी हुई फसल काटते हैं तथा भगवान सूर्य की आराधना करते हैं। यह दिवस हरियाली और प्रसिद्धि का प्रतीक है। सूर्य देव को जो भोग चढ़ाया जाता है उसे ही पोंगल कहते हैं। जिसके कारण इसका नाम ही पोंगल रख दिया गया है। ऐसा माना जाता है कि पोंगल का इतिहास 200 से 300 ईसा पूर्व का है। हमारे प्राचीन संस्कृत पुराणों में भी पोंगल पर्व का उल्लेख मिलता है। पोंगल पर्व से पौराणिक कथाओं का भी संबंध मिलता है, जिसमें भगवान शिव और विष्णु की गाथा सबसे महत्वपूर्ण है।

 पोंगल कैसे मनाया जाता है?

 पोंगल का उत्सव दक्षिण भारत में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।इस दिन सुबह से ही घर की लीपापोती शुरू हो जाती है। पक्के घरों को साफ किया जाता है। हर घर फूलों से सजा होता हैं। इस दिन फसलों की कटाई के बाद भगवान सूर्य को भोग चढ़ाया जाता है। इस दिन लोग एक साथ चावल खाते हैं। लोग सामूहिक भोजन करते हैं। इस त्यौहार को 4 दिनों तक मनाया जाता है। दक्षिण भारत का यह एक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। तमिल शब्द से बना पोंगल जिसका शाब्दिक अर्थ है उबालना। किसान कटाई की गई फसल के चावल को उबालकर भगवान सूर्य को अर्पित कर देते हैं।तमिल कैलेंडर के अनुसार पोंगल का महीना सबसे महत्वपूर्ण होता है। हिंदी कैलेंडर के अनुसार यह पौष महीने की आखिरी दिन अर्थात संक्रांति के दिन होता है।यह त्यौहार 4 दिनों तक चलता है और 1 दिन का अपना अलग महत्व होता है।

Pongal Festival Wishes in Hindi

पोंगल का प्रथम दिन

पोंगल के पहले दिन को भोगी पोंगल कहते हैं। इस दिन घर की साफ सफाई की जाती है। औरतें मिट्टी के बर्तनों पर स्वास्तिक लगाती हैं। पहले दिन भगवान इंद्र की पूजा की जाती है, क्योंकि इंद्र वर्षा के देव हैं इसीलिए अच्छी फसल के लिए भगवान इंद्र का धन्यवाद करते हैं तथा यह प्रार्थना करते हैं कि हर वर्ष बरसात समय से हम हो तथा फसल अच्छी हो क्योंकि हमारे किसान सिंचाई के लिए बारिस पर ही निर्भर रहते हैं। इस दिन गोबर और लकड़ी जलाई जाती है। महिलाएं नित्य करके ईश्वर के गीत गाती हैं।

 पोंगल का द्वितीय दिवस

 दूसरे दिन पोंगल का होता है। इस दिन परिवार का सबसे बड़ा या बुजुर्ग सदस्य माटी की हांडी में चावल पकाता है फिर यह चावल अन्य भोग के साथ सूर्य को अर्पण किया जाता है। दूसरे दिन घर के सारे सदस्य पारंपरिक वस्त्र पहनते हैं। जिस बर्तन में चावल पकाया जाता है, उसके चारों ओर एक हल्दी का पौधा बांधा जाता है। सूर्य पोंगल के दिन लोग कोल्लम चावल बनाते हैं। सूर्यदेव से धन, धान और समृद्धि बनाए रखने के लिए सभी लोग प्रार्थना करते हैं।

 पोंगल का तीसरा दिन 

तीसरे दिन को मट्टू पोंगल कहा जाता है। इस दिन गौ माता की पूजा होती है। गाय को नहा धो लाकर फूलों की माला पहनाई जाती है। गले में घंटियां बांधी जाती हैं तथा गाय की विशेष पूजा अर्चना की जाती है, जो कि गाय किसानों के मित्र होते हैं। खेत जोतने, गोबर मिट्टी सभी प्रकार से गाय किसानों के सहायक होते हैं। इसीलिए गाय को महत्वपूर्ण मानकर गाय की पूजा की व्यवस्था की जाती है। इस दिन गाय तथा बैल को पोंगल खिलाया जाता है। पोंगल पर गांव के हर किसान समुदाय अपने गांव अपने गाय तथा बैलों की पूजा करते हैं। इस दिन घरों में स्वादिष्ट मिठाइयां बनाई जाती हैं।

पोंगल का चौथा दिन 

कानुम पोंगल कोमल का चौथा दिन माना जाता है। इस दिन घर के सभी सदस्य पारिवारिक भोजन या सामूहिक भोजन करते है। इस दिन लोग हल्दी के पत्तों को धोते हैं। मिठाई चावल गन्ना और सुपारी के साथ भोजन परोसते हैं। इस दिन लोग बड़ों से आशीर्वाद लेते हैं तथा छोटों को आशीर्वाद के तौर पर प्यार तथा नए उपहार भी देते हैं।इस दिन महिलाएं तेल से अपने भाइयों की आरती उतारती हैं तथा उनके उज्जवल भविष्य की कामना करती हैं।

10 Lines on Pongal in Hindi

  1. पोंगल के दिन विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं जिसमें खीर सबसे प्रमुख है।
  2. पोंगल के दिन से ही दक्षिण भारत में नया वर्ष शुरू हो जाता है।
  3. पहले दिन कचरा जलाया जाता है।
  4. दूसरे दिन मां लक्ष्मी की पूजा होती है।
  5. तीसरे दिन पशुओं की पूजा होती है।
  6. चौथे दिन मां काली की पूजा होती है।
  7. पोंगल में गाय के दूध को नए बर्तन में उबाल लेते हैं क्योंकि दूध के उफान को इन इस दिन सबसे महत्वपूर्ण या तथा शुभ माना जाता है।
  8. इस दिन भगवान सूर्य को भोग चढ़ाया जाता है, जिसे पोंगल कहते हैं।
  9. दक्षिण भारत के सबसे महत्वपूर्ण शहरों में से एक है।
  10. पोंगल का त्योहार 14 जनवरी से 17 जनवरी तक मनाया जाता है।

5 Lines on Pongal in Hindi

  1. दक्षिण भारत का यह एक चार दिवसीय त्यौहार है। 
  2. तमिल कैलेंडर के अनुसार यह वर्ष के शुरू में होता है।
  3. मकर संक्रांति के दिन यह उत्सव मनाया जाता है।
  4. फसल की कटाई के बाद इस त्यौहार को मनाया जाता है।
  5. फसल की पहली चावल को मिट्टी के बर्तन में पकाया जाता है।

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FAQ on Pongal in Hindi

Question: पोंगल कब मनाया जाता है ?

उत्तर- पोंगल चार दिवसीय उत्सव है, जो कि मकर संक्रांति के दिन मनाया जाता है।

Question: पोंगल क्यों मनाया जाता है?

उत्तर -यह फसलों का त्योहार है। फसल के काटने पर उस फसल को त्यौहार के रूप में मनाया जाता है, इसीलिए इसे त्यौहार के रूप में मनाते हैं और भगवान सूर्य को समर्पित किया जाता है।

Question: पोंगल किस राज्य का प्रमुख त्योहार है?

 उत्तर -पोंगल तमिलनाडु का प्रमुख त्योहार है।

Question: पोंगल कैसे मनाया जाता है?

 उत्तर- यह चार दिवसीय उत्सव है। पहले दिन भोगी पोंगल, दूसरे दिन पोंगल, तीसरे दिन मट्टू पोंगल, चौथे  दिन कानुम पोंगल के तौर पर मनाया जाता है।

Question: पोंगल के दिन कौन से खेल का आयोजन होता है?

उत्तर- पोंगल के दिन बुलटेमिंग के खेल का आयोजन किया जाता है।