बेरोजगारी एक समस्या – Unemployment Essay In Hindi

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बेरोजगारी किसी भी देश की आर्थिक और सामाजिक समृद्धि को बड़ी ही आसानी से प्रभावित करती है। भारत एक बहुत बड़ी आबादी वाला देश है। बड़ी आबादी और बढ़ती आबादी अपने आप में एक व्यापक समस्या है। अनेक समस्याओ में बेरोजगारी भी एक बड़ी समस्या है। आज हम आपके लिए इस पोस्ट में Unemployment Essay In Hindi ले कर आये है । बेरोजगारी पर निबंध को आप स्कूल और कॉलेज में इस्तेमाल कर सकते है । इस हिंदी निबंध को आप essay on Unemployment in hindi for class 1, 2, 3 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 तक के लिए थोड़े से संशोधन के साथ प्रयोग कर सकते है।

Unemployment Essay In Hindi
Unemployment Essay In Hindi

Unemployment Essay In Hindi

बेरोजगारी किसी भी राष्ट्र की बुनियादी समस्याओ में से महत्वपूर्ण समस्या है I किसी भी देश की आर्थिक समृद्धि को प्रभावित करती बेरोजगारी है I बेरोजगारी किसी भी राष्ट्र के लिए किसी अभिशाप से काम नहीं है I बेरोजगारी का अर्थ मुलत: श्रम की कमी और श्रमिक की अधिकता से है I ऐसी स्तिथि में बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो जाती है I बेरोजगारी को इंग्लिश भाषा में Unemployement कहा जाता है I

बेरोजगारी की अगर व्यापक रूप में अध्यन करे या वृस्तृत रूप से समझे तो बेराजगारी को चार भागो में विभाजित किया जा सकतरा है जो निम्न है :-

सम्पूर्ण बेरोजगारी

1 सम्पूर्ण बेरोजगारी – सम्पूर्ण बेरोजगारी में श्रम का कोई महत्त्व या योगदान नहीं मन जाता है I श्रम की महत्वता को सीधे तौर पे नकारना सम्पूर्ण बेरोजगारी कहलाती है I

अर्ध बेरोजगारी

2 अर्ध बेरोजगारी – अर्ध बेरोजगारी को इंग्लिश भाषा में पार्ट टाइम जॉब कहा जाता है I अर्ध बेरोजगारी में श्रमिक को पूरा श्रम का समय न मिलकर कार्य के लिए २ या 4 घंटे का समय ही दिया जाता है जिसके कारन वेतन काम मिलता है I

मौसमी बेरोजगारी

3 मौसमी बेरोजगारी – यह बेरोजगारी मौसम के अनुरूप आती जाती रहती है जैसे फसलों की कटाई के समय बहुत से मजदूरों को काम पे रख लिया जाता है परन्तु फसल कटाई के उपरांत इन मजदूरों को काम से निकल दिया जाता है क्युकि कार्य समाप्त हो जाता है I

योग्यता बेरोजगारी

4 योग्यता बेरोजगारी – इस बेरोजगारी से सबसे ज्यादा हमारा पढ़ा लिखा युवा वर्ग अता है I योग्यता के आधार पर श्रम न मिलना इस बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारन है I एक पढ़ा लिखा युवा कभी भी मजदूरी नहीं करना चाहेगा वह चाहेगा उसकी शिक्षा और उसकी योग्यता के अनुसार उसे रोजगार और परिश्रम मिले सभी प्रकार की अनुकूलता के आभाव में इस प्रकार की बेरोजगारी उत्पन्न होती है I

बेरोजगारी का एक बहुत बड़ा कारण देश की बढ़ती जनसँख्या भी है या यह कहना गलत नहीं की बढ़ती जनसँख्या बेरोजगारी का सबसे बड़ा और प्रथम कारण है I पत्येक वर्ष लगभग 1 करोड़ शिशुओं का जन्म होता है परन्तु इस अनुपात में रोजगार के साधन नहीं उत्पन्न होते है फलस्वरूप जनसँख्या और रोजगार का अनुपात समान्तर नहीं रहता और बेरोजगारी बढ़ती है I

बेरोजगारी में देश की शिक्षा प्रणाली का भी बहुत बड़ा योगदान होता है I देश में कागज़ी ज्ञान पे ज्यादा ध्यान दिया जाता है जबकि तकनिकी ज्ञान से वंचित छात्र जब अपनी पढ़ाई पूरी कर समाज में काम की तलाश में निकलता है तो उसको तकनिकी ज्ञान के आभाव में काम वेतन और योग्यता अनुसार कार्य नहीं मिलता है I

बेरोजगारी का कारण केवल नौकरी की और भागते रहना और धन की ओर एक आक्रषण भी है I अपनी शिक्षा पूरी किया बिना कार्य के लिए लोगो का भागना एक समय के बाद उनके भविष्य में शिक्षा पूर्ण न होने के कारण एक अवरोध उत्पन्न होता है I

देश में बेरोजगारी एक बहुत बड़े अजगर के सामान है जो की युवा वर्ग को निगले जा रही है I देश की शक्ति की पहचान केवल युवा वर्ग के आंकड़ों से सबसे ज्यादा प्रभावित होती है I हमारे देश की औधुआगिक योजनाओं का भी बेरोजगारी में बहुत बड़ा योगदान है I देश की पहली पंचवर्षीय योजना से ही देश में केवल विशाल स्तर के उद्योगों को बढ़ावा दिया गया किन्तु छोटे ओर लघु उद्योगों की अनदेखी की गयी ओर इस प्रकार वंशगत कार्य को प्रभावित किया गया I छोटे लघु स्तर पर कार्य करने वाले पैर के जूते बनाने वाले Bata जैसो की बराबरी न कर सके I टाटा ओर बिड़ला जैसी कंपनियों ने छोटे लुहारों, बुनकरों, तेल मिलो ने छोटे छोटे तेलियो का बरसो पुराना खानदानी काम को प्रभावित किया I यह सिलसिला यही नहीं थमा विदेशी कंपनियों का भी इसमें बहुत बड़ा हाथ रहा कुल मिलकर छोटे उद्योग इन बड़ी कंपनियों के सामने बोने की भांति रह गए ओर समय के साथ बंद होते चले गए I

आज के युग को मशीनी युग भी कहा जाता है मशीनों की दुनिया में इंसानो की जरूरत दिन प्रतिदिन काम होती जा रही है इससे भी बेकारी अपने चरम पर पहुँचती जा रही है I आधुनिकता ओर समय के साथ चलना समाज की मजबूरी भी है लेकिन इस बाद से इंकार नहीं किया जा सकता की तकनीक का तेजी से बढ़ना बेरोजगारी को भी बढ़ा रहा है I कंप्यूटर ओर बड़ी बड़ी मशीने 100 लोगो के कार्य को करने में अकेले सक्षम है परन्तु यदि इसका प्रयोग न करे तो देश ओर समाज ओर समाज में रहने वाले लोग पीछे रह जायेंगे I परन्तु कंप्यूटर युग में बेरोजगारी बढ़ी है इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता है I

बेरोजगारी की समस्या का उपाय

देश की बेकारी या बेरोजगारी को दूर करने के लिए हमें भविष्य की आवश्यकताओं को समझना पड़ेगा I भविष्य में होने वाले बदलाव को ध्यान में रखकर योजना बनानी पड़ेगी बहुत से कठोर कदम भी उठाने पड़ेंगे I सबसे पहले परिवार नियोजन द्वारा जनसँख्या पर नियंत्रण स्थापित करना होगा I स्वरोजगार को बढ़ावा देना होगा I लघु उद्योगों को बढ़वा देना होगा जिससे लघु उद्योग फल फूल सके I शिक्षित युवा को श्रम का महत्व समझाना होगा ओर साथ ही साथ नई दृष्टिकोण ओर समझ देना होगा ताकि वो घरेलू उद्योग को भी अपनाये I भारत की आत्मा उसके गाँव में बसती है ओर वह का मुख्य रोजगार कृषि है I कृषि में आधुनिकरण ओर कृषि के प्रति नई तकनीकों का ज्ञान देकर नविन कृषि योजना का प्रारम्भ करना चाहिए I 

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