10 Lines on Manners in Hindi । शिष्टाचार पर 10 लाइन निबंध

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Shishtachar (शिष्टाचार) को अंग्रेजी भाषा में Manners कहा जाता है। शिष्टाचार व्यक्ति को निखारने का काम करता है। आज हम इस लेख में आप सबके लिए ‘10 Lines on Manners in Hindi‘ लेकर आये है।

Manners in Hindi

मुझे आज भी वह दिन याद आता है जब मेरी आँखों के सामने एक नौजवान ने बुजुर्ग को थप्पड मार दिया था। उस दिन रविवार होने की वजह से मेरी काॅलेज की छुट्टी थी। मैं कोई काम के चलते बाजार की ओर निकल पड़ी। रास्ते में एक अलग ही सीन देखने को मिला। क्योंकि ट्रेफिक ज्यादा था इसलिए जाम लग गया था। मैं जिस टैक्सी मेें बैठी थी वह भी वहीं रूक गई। अचानक मैंने देखा कि एक बुजुर्ग आदमी आम बेचता हुआ मेरी ओर आकर मुझसे आम लेने के लिए आग्रह करने लगा। मेरे को उसकी स्तिथि पर दया आ गई। वह इतनी गर्मी में आम बेच रहा था इसलिए मैंने आम खरीद लिए। वह मुझे धन्यवाद देता हुआ आगे बढ़ गया। आगे जाकर उसने एक नौजवान से आम लेने का आग्रह किया। उस नौजवान ने आम लेने से मना कर दिया। दूसरी बार जब फिर उसने आम लेने को कहा तो उस नौजवान ने यह बोलकर मना कर दिया कि वह उस जैसे गरीब से कोई भी तरह की चीज नहीं लेता। हालांकि उस बुजुर्ग को उस नौजवान की कही बात से कोई फर्क नहीं पड़ा। उसने तीसरी बार फिर अपनी तरफ से कोशिश करनी चाही पर उस नौजवान ने इस बार उसके चेहरे पर खींच के चांटा जड़ दिया। उसके इस तरह के बर्ताव से साफ पता चल रहा था कि उस नौजवान मेें तमीज और शिष्टाचार नाम की कोई चीज ही नहीं थी। उसकी यह हरकत बड़ी ही शर्मनाक थी।

हम अपने जीवन में चाहे कितना ही क्यों ना कमा ले या कितने ही बड़े मुकाम पर क्यों ना पहुंच जाए परंतु अगर हमारे पास शिष्टाचार जैसी बड़ी दौलत नहीं है तब असल मायने में हमारे लिए यह पैसा और दौलत कोई मायने ही नहीं रखता। शिष्टाचार ही मनुष्य का असली गहना है। अगर हमारे पास यह खजाना होता है तो हम धनी ना होकर भी धनी ही कहलाए जाते हैं। शिष्टाचार के बिना हमारा सामाजिक ढांचे में रहना आसान नहीं होता। जब तक हमारे पास यह खास गुण नहीं होता तब तक हम समाज की नजरों में असभ्य ही गिने जाते हैं। शिष्टाचार हमें समाज में इज्जत और पहचान दिलाता है। बिना शिष्टाचार के हम जीवन की कल्पना तक नहीं कर सकते। जरा सोच कर देखिए कि वह दुनिया कैसी होती जहां पर विनम्रता और शालीनता की कोई जगह ही नहीं होती? ऐसा समाज असभ्य और गुणहीन ही होता। ऐसे समाज के प्राणी एक दूसरे को नीचा गिराने में ही अपनी जीत मानते है। शिष्टाचार का गुण समय के साथ हम सभी में धीरे धीरे आता है। कोई भी मनुष्य शिष्टाचार के गुण लेकर पैदा नहीं होता है। हमारे जन्म के ठीक थोड़े समय बाद हमें शिष्टाचार शब्द से परिचित करवा दिया जाता है। बचपन में हमारे मां बाप हमें हर चीज को हिसाब से करने की तमीज सीखाते हैं। फिर जैसे जैसे हम बड़े होते रहते हैं हम खुद-ब-खुद व्यवहारिक बनते रहते हैं। पहले हम जब छोटे होते हैं तब हमें स्कूल-काॅलेज जैसी संस्था में शालीनता से पेश आना पड़ता है। हमें वहां पर थैंक यू, सारी, प्लीज आदि शब्दों से परिचित करवाया जाता है। यह शब्द हमारे दैनिक जीवन में हमेशा के लिए जुड़ जाते हैं। फिर बड़े होने पर हम जिस कोई भी कंपनी में काम करते हैं हमें उस कंपनी के कल्चर के हिसाब से चलना पड़ता है। संस्था कोई भी हो, सभी को आदर और सत्कार की दरकार रहती है। आप किसी से प्रेम की भाषा में बोलोगे तो आपको भी उतना ही सत्कार दोबारा मिलेगा। यह समस्त दुनिया प्रेम और विनयशीलता पर टिकी है। शिष्टाचार का गुण होने पर हम बड़ी से बड़ी मुश्किलों को भी पार कर जाते हैं। यह गुण हमें धैर्य सीखाता है। 

10 Lines on Manners in Hindi

  1. शिष्टाचार का अर्थ शिष्ट आचरण होता है।
  2. शिष्ट व्यक्ति को समाज के हर हिस्से में सराहा जाता है।
  3. अशिष्ट व्यक्ति की दुनिया में कहीं भी इज्जत नहीं होती है।
  4. शिष्टाचार हमारे जीवन का मूल आधार है।
  5. शिष्ट व्यक्ति के पास ज्यादा दौलत ना होते हुए भी वह अपनी मधुर वाणी से सबको प्रभावित कर देता है।
  6. शिष्टाचार हमें हर किसी के साथ मिलकर रहना सीखाता है।
  7.  इस गुण के होते हुए हम पूरी दुनिया को जीत सकते हैं।
  8. हम प्राचीन काल से ही शिष्टाचार को महत्व देते आए हैं।
  9. शिष्टाचार का महत्व हर एक क्षेत्र में माना जाता है।
  10.  शिष्टाचार होना अपने आप में एक कला है।

5 Lines on Manners in Hindi

  1. शिष्टाचार हमें दूसरों का आदर करना सीखाता है।
  2. शिष्टाचार से विनयशीलता और धैर्य जैसे गुणों में निखार आता है।
  3. हमें हमारे अभिभावक बचपन से ही शिष्टाचार शब्द से परिचित करवा देते हैं।
  4. आज जितनी भी बड़ी हस्तियों का नाम लिया जाता है उन सभी को शिष्टाचार का गुण होने के कारण जाना जाता है।
  5. हमें निरंतर शिष्टाचार में और निखार लाने का प्रयास करते रहना चाहिए।

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FAQ on Manners in Hindi

Question : शिष्टाचार के कितने प्रकार होते हैं?
Answer : शिष्टाचार कई प्रकार के होते हैं –
सामाजिक शिष्टाचार – यह शिष्टाचार हमें लोगों से ढंग से बातचीत करना सीखाता है।
बैठक शिष्टाचार – यह शिष्टाचार हमें आफिस मीटिंग में ढंग से सभी की बात को सुनना और समझना सिखाता है।
कार्पोरेट शिष्टाचार – यह हमें कार्पोरेट जगत के रूल्स को अच्छे से निभाना सीखाता है।
शैक्षिक शिष्टाचार – यह स्कूल या काॅलेज में कैसे पेश आए, यह सीखाता है।
टेलीफोन शिष्टाचार – यह टेलीफोन पर किसी से ढंग से बातचीत करना सीखाता है।
भोजन शिष्टाचार – यह शिष्टाचार सीखाता है कि भोजन करते हुए हमें शोर नहीं मचाना चाहिए और ना ही बातचीत करनी चाहिए।
व्यापार शिष्टाचार – यह हमें सीखाता है कि कैसे हमें बिना धोखाधड़ी के व्यापार करना चाहिए।

Question : हमारे जीवन में शिष्टाचार का कितना महत्व है?
Answer : हमारे जीवन में यह बहुत बड़ा महत्वपूर्ण स्थान रखता है। शिष्टाचार के बिना हमारा जीवन अर्थहीन हो जाता है।

Question : शिष्टाचार के बगैर मनुष्य का जीवन कैसा होता है?
Answer : शिष्टाचार का पालन नहीं करने से इंसान का जीवन दिशाहीन हो जाता है। उसको गलत और सही में फर्क नजर नहीं आता। वह गलत राह पर अपने कदम बढ़ाता रहता है। जब उसको इस बात का एहसास होता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।

Question : शिष्टाचार के तीन गुण कौन से है?
Answer : विनम्रता, दया और परोपकार ही शिष्टाचार के गुण है।

Question : शिष्टाचार शब्द का संधि विच्छेद क्या है?
Answer : शिष्ट + आचार = शिष्टाचार।